करो इन नेताओं से सवाल - मचाओ वर्चुअल ऑनलाइन मीटिंग को ले कर बवाल | - Kamlesh Chaturvedi

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Saturday, July 18, 2020

करो इन नेताओं से सवाल - मचाओ वर्चुअल ऑनलाइन मीटिंग को ले कर बवाल |

द्विपक्षीय समझौते के लिए 22  जुलाई को होने वाली वार्ता को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं / विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र ख़ास तौर पर मुंबई में कोरोना की भयावह स्तिथि और आवागमन के साधनों की सीमितता को देखते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस के नेताओं के सामने वार्ता में भाग लेना एक चुनौती है / इन परिस्थितियों में विभिन्न घटकों के नेताओं ने आपस में विचार विमर्श किया है / इस विचार विमर्श के दौरान एक सुझाव उभर कर आया कि बदले हुए हालातों में क्यों न ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के जरिये द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाया जाए / इस सुझाव पर राय लेने का सिलसिला शुरू हुआ / विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि IBA  NCBE  और AIBEA को छोड़ कर बांकी के सात घटक ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के लिए सहमत हैं / भला AIBEA NCBE  और IBA  को ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग से परहेज़ क्यों है - उन्हें यह बात स्पष्ट करनी चाहिए । ऐसा प्रतीत होता है कि अतीत के कुछ द्विपक्षीय समझौतों में आईबीए के साथ फ़िक्सिंग करने वालों को यह भय सता रहा है कि यदि ऑनलाइन वर्चूअल मीटिंग होगी तो फ़िक्सिंग कैसे होगी ? 

कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकारें ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग कर रही हैं, निर्णय ले रही हैं / देश की शीर्षस्थ अदालत समेत सभी उच्च न्यायलय ऑनलाइन सुनवाई कर रहे हैं और तो और AIBEA INBEF  समेत अनेक यूनियनों ने भी अपने पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग की हैं / फिर द्विपक्षीय समझौते के लिए होने वाली वार्ता जिसकी ओर लाखों कार्यरत और सेवानिवृत बैंक कर्मी उत्सुकता से बाट जोह रहे हैं भला उसे ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के जरिये संपन्न करवाने से परहेज़ क्यों है ?

यदि नेता बैंक कर्मियों के कल्याण के प्रति गंभीर हैं जैसा कि आप अपने सर्कुलर के माध्यम से दर्शाते रहते हैं, यदि आप उद्देश्यों के प्रति ईमानदार हैं तो भला ऐसा क्या है जिसे आप वर्चुअल ऑनलाइन मीटिंग के लिए राजी न होकर गोपनीय रखना चाहते हैं?
करो इन नेताओं से सवाल - मचाओ वर्चुअल ऑनलाइन मीटिंग को ले कर बवाल !

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